इस ज़माने से हार कर जीतता नहीं कोई।
तो क्या छोड़ देंगे वो तुझे तेरे पश्चताप के लिए।
जैसे मुक्त हो जाए तू फिर उनसे सदा के लिए।
कि वो छोड़ दे तुझे अपने आप पे तुम्हे ए दोस्त।।
कबूल उनकी दुनिया उनका जहाँ उनके खुदा।
गलत तेरा कहना की तू और और तेरी जहाँ और।
राज की ये बात है कहीं जो ये समझ ना जाए।
देखा कभी जो छोड़े हों वो तुझे भी अकेले वैसे।।