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Friday, June 26, 2015

महाभारत Episode 17

जनमेजय ने कहा
"भगवन! मैं देवता, दानव, गन्धर्व, अप्सरा, मनुष्य, यक्ष, राक्षस और समस्त प्राणियों की उत्पत्ति सुनना चाहता हूँ। आप कृपा कर के एकदम प्रारम्भ से हीं यथावत वर्णन कीजिये...."
वैशम्पायन जी ने कहा....
अच्छा मैं स्वयंप्रकाश भगवान् को प्रणाम करके देवता आदि की उत्पत्ति और नाश की कथा कहता हूँ....
ब्रह्मा जी के मानस पुत्र मरीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलत्स्य, पुलह और क्रतु को तो तुम जानते हीं होगे???? मरीचि के पुत्र कश्यप थे और उन्ही से प्रजा का जन्म हुआ है...*
ब्रह्मा जी के दांये अंगूठे से दक्ष और बाएं अंगूठे से उनकी पत्नी का जन्म हुआ था।
दक्ष प्रजापति को अपनी पत्नी से पांच सौ पुत्रियां पैदा हुई। पुत्रों का नाश हो जाने के कारण उन्होंने अपनी पुत्रियों का विवाह इस शर्त पे किया कि पहले पुत्र उन्हें मिल जाए।
उन्होंने दस कन्यायों का विवाह धर्मं से किया, सताईस का चँद्रमा से (सताईस नक्षत्र चन्द्रमा की पत्नियां हैं जिनसे हमे समय का पता चलता है), और तेरह का कश्यप से किया।
दक्ष के तेरह कन्यायों के नाम थे अदिति (जिनके बारह आदित्य हुए जिनकी गिनती देवताओं में होती है),दिति (जिनके पुत्र हुए हिरण्यकश्यपु, जिसके पांच पुत्रो में एक था प्रह्लाद, जिनके पुत्र हुए विरोचन और उनके पुत्र थे बली और बली का पुत्र था, बाणासुर जो महादेव शिव का महान सेवक था और महाकाल के नाम से प्रसिद्द हुआ), दनु (जिसका पुत्र विप्रचित्ति बड़ा प्रसिद्द यशश्वी और राजा था), सिंहिका (जिसका पुत्र था राहु), क्रूरा (जिससे औरो के अलावा क्रोधवश नामक एक गण भी हुआ), ........कपिला, मुनि और कद्रू जिससे सर्पों की उत्पत्ति हुई।
मह्रिषी भृगु ब्रह्मा जी के ह्रदय से पैदा हुए थे, और उनसे असुरो के पुरोहित शुक्राचार्य का जन्म हुआ।
शुक्राचार्य के अतिरिक्त च्वयन भी उनके पुत्र हुए। वो अपनी माता की रक्षा के लिए उनके गर्भ से निकल आये थे। उनकी पत्नी थी का नाम था आरुणि। उनकी जांघ से और्व का जन्म हुआ था, जिससे ऋचीक, फिर उनसे जमदग्नि हुए। इन्ही जमदग्नि ऋषि के सबसे छोटे पुत्र थे परशुराम।
ब्रह्मा जी के पुत्र मनु और मनु के प्रजापति और प्रजापति के आठ वसु हुए। ब्रह्मा जी के दो पुत्र और भी थे धाता और विधाता। वो मनु के साथ रहते हैं। लक्ष्मी उनकी बहन है।
शुक्र की पुत्री देवी वरुण की पत्नी बनी उनके पुत्र का नाम बल हुआ और पुत्री का सूरा।
अदिति के बारह पुत्र, आठ वसु, ग्यारह रूद्र, प्रजापति और वषट्कार ये तैंतीस मुख्या देवता हुए।  
सूर्य की पत्नी बड़वा (घोड़ी) से अश्वनिकुमारों का जन्मा हुआ।
P.S. ये बहुत हीं clumsy अध्याय है और बहुत confusing भी है... कुछ मुख्य किरदार जिनको मैं थोडा trace कर पाया यहाँ लिखा है....
NEXT EPISODE:
अब मैं तुम्हे बताता हूँ किन किन देवताओं और किन किन असुरों ने किस किस मनुष्य के रूप में अवतार लिया था। दानवराज विप्रचित्ति जरासंध और हिरण्यकश्यपु शिशुपाल हुआ था......

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